एक और अजिब गरीब move हुयी रेलिश राजकुमार लेकर ए है अँधा धुन के बाद श्रीकांत बोला नाम के मूवी सनेमा घरो में 10 माइ को रिलिश हो गे है इस फिल्म में सच्ची घट्न पर आधारित है एक अँधा आदमी अगर थान ले जिन्दगी क्या क्या नहीं कर सकता है और राजकुमार भाई ने खुच ऐसा ही किया
Srikanth Movie Review IIT ने किया रिजेक्ट, MIT से मिली स्कॉलरशिप, खाड़ी की बड़ी कम्पनी ।
लो करो BMCM की बात लेकिन इसी बीच में कुछ ऐसी फ़िल्में भी आ जाती है जिन पर लगाया पैसा सीनेमा में जलन नहीं ठंडक पैदा करता है ऐसी एक फ़िल्म थिएटर में लगी है जिसका नाम है श्रीकांत बोला नाम के एक ऐसे व्यक्तित्व पर हैं जिनसे अपनी आँखों की रौशनी न होते हुए भी पूरी सोसाइटी में 19 की रौशनी जगाए उन्होंने खुद दिव्यांगों होने के बावजूद एक ऐसी कंपनी शुरू की जिसके पहले इन्वेस्टर्स डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जी बनेगी जो आज भी देश का पहला विज़ुअली चैलेंज प्रेसिडेंट बनने के सपने देख रहे हैं राजकुमार राव ज्योतिका शरद केलकर और आलिया भट्ट विजय सिंह कलाकारों से सजी श्रीकांत कहानी एक ऐसे लड़के की कहानी है जो आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में पैदा हुआ जन्म से ही वो अंधे है .एक्चुअली चैलेंज है कुछ समाज के डर से तो कुछ अपनी गरीबी की वजह से उसके पिता उसे रखना नहीं चाहते सब उसकी माँ कहती है की हम इसकी आंखें बनेंगे यही बच्चा आगे जाकर ना जाने कितने लोगों की आंखें बन जाता है बचपन से ही उसे अपनी कंडीशन की वजह से बोलियाँ जाता है फ़िल्म का एक सीन है जहाँ स्कूल के बच्चों से बुली करते हैं एक बच्चा उसे मारता है और उसके हाथ में एक सिक्का रखकर कहता है भीख मांगने की आदत डाल लें आगे काम आएगा जाते समय जब उसके फादर उससे पूछते है की वो तो उसका जवाब होता है अंधा होना भाग नहीं सकता सिर्फ लड़ सकता पूरी फ़िल्म में ऐसे ऐसे सीन्स है जिन्होंने जान डाली है
फिल्म यह दिखाया गया है की एक टीचर स्टूडेंट की जिन्दी बदल देता ।
फ़िल्म में दिखाया गया कि कैसे टीचर किसी की जिंदगी को रोशन कर सकता है मूवी में ज्योतिका श्रीकांत की टीचर का रोल प्ले करते हैं उनके साथ की वजह से जानना सिर्फ अपने हाई स्कूल को कंप्लीट करता है बल्कि साइंस स्ट्रीम से पढ़ने के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ता है उसी केस के बाद दिव्याँग बच्चों को साइंस पढ़ने के लिए हमारे सिस्टम में मंजूरी मिली एक विज़ुअल चैलेंज नोबडी से देश के सबसे सक्सेसफुल इंडस्ट्रियलिस्ट में से एक बनने की पूरी जर्नी लगभग ढ़ाई घंटे में दिखा दी गई है फ़िल्म में दिखता ए की श्रीकांत ने कैसे अपनी मेहनत और इंजन से दिव्यांगों को लेकर उनका ओपिनियन बदल दिया
राजकुमार के film की पॉइंट की बात आकरे कितना मिला है ।
और बात करते हैं इस फ़िल्म के प्लस पॉइंट के बारे में पूरी फ़िल्म में सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है राजकुमार राव का काम किस तरह का मैनरिजम और एक्टिंग उन्होंने इस पूरी फ़िल्म नहीं की उनकी मेहनत नजर आती है इंटरव्यू में उन्होंने कहा था की शरोल के लिए प्रिपेर होने के लिए वो घंटों ब्लाइंड स्कूल के बच्चों के साथ बिताते हैं इसके साथ ही उन्होंने रील लाइफ श्रीकांत को डेट कर इस ऑब्जर्व किया है वो पूरी मेहनत थ्रूआउट द मूवी नजर भी आती है इस फ़िल्म में एअरपोर्ट का एक सीन हैं वो देखेंगे तो आपको समझ में आ जाएगा कि आखिर क्यों इस परफॉर्मेंस के लिए राजकुमार राव ही नेशनल अवॉर्ड तो डिज़र्व करते हैं इस लेवल पर उन्होंने इसी बैंक व्यक्ति के स्ट्रगल और इमोशनल और चैलेंज को दिखाया है
तीसरा सबसे बड़ा पॉइंट है शरद केलकर
कमाल का दूसरा सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है इसका स्क्रीनप्ले जो पूरी फ़िल्म को इंट्रेस्टिंग बनाए रखता है एक बायोपिक में आप क्या ये एक्स्पेक्टेशन लेकर चलते हैं लेकिन इसके स्क्रीनप्ले ने वो एक्साइटमेंट बनाई रखी है जो इस फ़िल्म की जरूरत भी थी और ताकत भी है वहीं तीसरा सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है शरद केलकर जी अब या तो आप कहीं की रौनक तुम बहस जो या कुछ और कह लो लेकिन ये आदमी मुझे बहुत दमदार लगते हैं अगर ऐसा दोस्त मिल जाए ना बॉस तो आदमी कुछ भी अचीव कर सकता है श्रीकांत की लाइफ की जर्नी में उनका क्या रोल रहा है ये फ़िल्म देखने पर ही आपको पता चलेगा लेकिन शायद खिलकर की एक्टिंग काफी दमदार है उनके साथ ही फ़िल्म के एंड में श्रीकांत की लाइफ से जुड़े रियल लाइफ कैरेक्टर्स को भी दिखाया गया है जिसमें उनकी वाइफ भी हैं जिनका रोल आलिया अपने क्लिक किया है कुछ टैक्स भी है जैसे 2016 में कैसे दिव्याँग लोगों की डिग्निटी को ध्यान में रखते हुए गवर्नमेंट ने कानूनों में बदलाव किये बाकी फ़िल्म में कमियों की बात करें तो ऐसी कोई खास कमी मेरे को लगी नहीं हाँ थिएटर की टाइमिग थोड़ी सुधार लेते तो ठीक रहता और आइलैंड का स्क्रीन टाइम थोड़ा और बढ़ाते तो अच्छा रहता क्यों कमाल की अंतर है बाकी और चीज़ थोड़ा मार्केटिंग में भी और पैसा लगा देते हैं तो चार लोगों को और पता चल जाता है की फ़िल्म आ चुकी है सीटर में फिर कोई नई फ़िल्म का वोडा पांव तक शानदार रहा तो वीकेंड में लू जरूर इसको देखने जाएंगे और आगे आने वाले हफ्तों में इसका बंद और ज्यादा बढ़ेगा बाकी फ़िल्म आप देख चुकें हैं देखने वाले हैं जो भी ओपिनियन है आपकी ट्रेलर देखकर आपका क्या रिऐक्शन था क्या फ़िल्म आपको जीतने की तरफ खींचती है जो भी आपको लगे आपके ओपिनियन कॉमन सेक्शन में कमेंट करके बताना और ओपिनियन दे कर अगर आप पैसे कमाना चाहे
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